first time on internetमौत पर शायरी




 मृत्यु प्रकृति का नियम है। जिसने पृथ्वी पर जन्म लिया है, उनकी मृत्यु तो निश्चित ही होती है। यह एक ऐसा दौर है, जिससे हर किसी को गुजरना पड़ता है। इसको कोई टाल नहीं सकता। कभी कभी व्यक्ति इतना उदास हो जाता है कि मन में नकारात्मक विचार आने लग जाते हैं, जिन्दगी को अलविदा कहने का विचार जाता है।

मौत किसी भी समस्या का हल नहीं है। समस्या जिन्दगी का एक हिस्सा है, जो हर किसी के जीवन में आती रहती है। इसका खुल के मुकाबला करना चाहिए।

 


ज़िंदगी ज़ख्मों से भरी है,
वक़्त को मरहम बनाना सीख लो,
हारना तो है ही मौत के हाथों एक दिन,
फिलहाल ज़िंदगी को जीना सीख लो।

    

तुम दर्द भी हो मेरा और दर्द की दवा भी हो,
मेरी मौत का कारण भी हो तुम, जीने की वजह भी हो,
खुली नज़रो से तुम दूर हो बहुत मुझसे,
बंद आँखों में हर जगह मेरे पास भी हो तुम



    

कौन जाने कब मौत का पैगाम जाये,
ज़िंदगी की आखरी शाम जाये,
हम तो ढूंढते हैं वक़्त ऐसा जब,
हमारी ज़िन्दगी आपके काम जाये।

    

बिन आपके कुछ भी अच्छा नहीं लगता,
अब मेरा वजूद भी सच्चा नहीं लगता,
सिर्फ आपके इंतज़ार में कट रही है ये ज़िंदगी,
वरना मौत के आगोश में सो जाती ये ज़िंदगी।

    

तूफ़ान है जिंदगी तो साहिल है तेरी दोस्ती,
सफ़र है मेरी जिंदगी मंजिल है तेरी दोस्ती,
मौत के बाद मिल जायेगी मुझे जन्नत,
जिंदगी भर रहे अगर कायम तेरी दोस्ती

    

उसने पूछा के बताओ ये क़यामत क्या है,
मैने घबरा के कह दिया रूठ जाना तेरा।
मौत कहते हैं किसे जब मुझसे पूछा,
मैने आँखें झुका कर कहा छोड़ जाना तेरा।

    

आंखें खुली हो तो चेहरा तुम्हारा हो,
आँखें बंद हो तो सपना तुम्हारा हो,
मुझे मौत का डर नहीं होगा,
अगर कफ़न की जगह दुपट्टा तुम्हारा हो



    

इतनी शिद्दत से चाहा उसे की खुद को भी भुला दिया,
उनके लिए अपने दिल को कितनी ही बार रुला दिया,
एक बार ही ठुकराया उन्होंने,
और हमने खुद को मौत की नींद सुला दिया।

    

इश्क के नाम पर दीवाने चले आते हैं,
शमा के पीछे परवाने चले आते हैं,
तुम्हें याद ना आये तो चले आना मेरी मौत पर,
उस दिन तो बेगाने भी चले आते हैं।


   

वो दिन दिन नहीं, वो रात रात नहीं,
वो पल पल नहीं, जिस पल तेरी याद नहीं,
तेरी यादों से मौत हमे अलग कर सके,
मौत की भी ये औकात नहीं।





    

मोहब्बत के नाम पे दीवाने चले आते हैं,
शमा के पीछे परवाने चले आते हैं,
तुम्हें याद आये तो चले आना मेरी मौत पर,
उस दिन तो बेगाने भी चले आते हैं।

आई होगी किसी को हिज्र में मौत
मुझ को तो नींद भी नहीं आती।

 

माँ की आग़ोश में कल मौत की आग़ोश में आज
हम को दुनिया में ये दो वक़्त सुहाने से मिले।

 

मेरी ज़िन्दगी तो गुजरी तेरे हिज्र के सहारे,
मेरी मौत को भी कोई बहाना चाहिए।



कोई नहीं आएगा मेरी जिदंगी में तुम्हारे सिवा,
बस एक मौत ही है जिसका मैं वादा नहीं करता।


    

 

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